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इंग्लैंड का बैज़बॉल’ की ज़िद नाकाम, भारत को 3-1 से बढ़त

इस टीम ने ये रिकार्ड  तब हासिल किया है जब दुनिया के दो दिग्गज खिलाड़ी टीम में शामिल भी नहीं हैं.

विराट कोहली इस समय निजी कारणों से टीम से बाहर हैं.

वहीं, सिरीज़ के सबसे कामयाब गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह को भी रेस्ट  दिया गया है.

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घरेलू ज़मीन पर भारत की ये लगातार 17वीं टेस्ट सिरीज़ जीत रही.

इंग्लैंड ने इससे पहले साल 2012 में भारत से आख़िरी बार 2-1 से टेस्ट सिरीज़ जीती थी. तब से कोई भी टीम भारत से भारत में सिरीज़ नहीं जीतने मे कामयाब नहीं हों सकी है.

भारत को जीत के लिए 192 रनों का टारगेट  मिला था. मैच के चौथे दिन भारत ने बग़ैर किसी नुक़सान के 40 रनों से आगे खेलना शुरू किया.

मगर लंच से  पहले रोहित शर्मा 55, यशस्वी जयसवाल 37 और रजत पाटीदार बग़ैर खाता खोले आउट हो गए. पाटीदार मिले मौक़े का फ़ायदा उठाने में नाकाम रहे.

लंच के बाद रवींद्र जडेजा 33 गेंद पर 4 और सरफ़राज़ खान शून्य पर आउट हो गए. स्कोर हो गया पाँच विकेट पर 120 रन. एक समय लगा  भारतीय टीम को अपने नुस्ख़े का ही नुक़सान हो जाएगा. नुस्ख़े से यहाँ मतलब पिच से है जो टेस्ट के दौरान सबसे ज़्यादा चर्चा में रही.

मगर फिर शुभमन गिल और ध्रुव जुरेल ने इंग्लैंड के गेंदबाज़ों को पटकथा में कोई चेंज  नहीं लाने दिया. भारत पाँच विकेट से ये टेस्ट मैच और सिरीज़ जीतने में सफल रहा.

शुभमन गिल 52 और ध्रुव 39 रन बनाकर नॉट आउट रहे. दोनों के बीच 72 रनों की साझेदारी हुई.

पिच पर विवाद

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इमेज कैप्शन,इंग्लैंड की टीम के खिलाड़ी के आउट होने पर अपील करते भारतीय खिलाड़ी

टेस्ट मैच शुरु होने के पहले ही राँची की पिच चर्चा में थी.

मैच के पहले इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने पिच देख कर बोल  था, “यह दिलचस्प लग रहा था, है ना? मुझे नहीं पता. मैं ज़्यादा कुछ नहीं कह सकता. मैंने पहले कभी ऐसा कुछ नहीं देखा है इसलिए मुझे कोई अंदाज़ा नहीं है. मुझे नहीं पता कि क्या हो सकता है.”

बहरहाल इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करने कानिर्णय  किया. पहले दिन पहले सत्र में पिच जीवंत नज़र आयी जो भारतीय तेज़ गेंदबाज़ों के लिए मदगार  थी.

पहला टेस्ट खेल रहे आकाश दीप ने टॉप ऑर्डर को ख़ासा परेशान किया. वैसे इन सब के बीच इंग्लैंड के बल्लेबाज़ों की ‘बैज़बॉल’ की ज़िद बनी रही और उन्होंने तेज़ी से रन भी बनाए.

हंगामा तो तब शुरु हुआ जब लंच से ठीक पहले रवींद्र जडेजा ने कप्तान बेन स्टोक्स का विकेट लिया.

स्टोक्स का विकेट गिरने से पिच की गुणवत्ता पर काफ़ी तीखी प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गयीं. इंग्लैंड ने लंच तक 5 विकेट गँवा दिए और रन थे सिर्फ़ 112 रन.

आलोचकों के निशाने पर पिच

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एलिस्टर कुक ने टिप्पणी करते हुए बकहा  कि स्टोक्स इस स्थिति में कितने असहाय थे.

उन्होंने कहा, “कभी-कभी एक बल्लेबाज़ के रूप में, आप चले जाते हैं, अपना सिर नीचे कर लेते हैं और बस कहते हैं-मैं इसके बारे में कुछ नहीं कर सकता-वहां बेन स्टोक्स ने बिल्कुल वैसा ही खेला जैसा उन्हें करना चाहिए…आप केवल हंस सकते हैं, अन्यथा आप केवल रोएंगे और इसके अलावा आप इसके बारे में कुछ नहीं कर सकते.”

इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने पिच को “चौंकाने वाला” कहा.

माइकल वॉन ने एक्स पर लिखा, “पुरानी कहावत. किसी पिच का मूल्यांकन तब तक न करें जब तक कि दोनों टीमों ने उस पर बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी न कर ली हो, लेकिन ईमानदारी से कहूं तो यह चौंकाने वाली लगती है.”

पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने इंग्लैंड के आलोचकों को करारा जवाब मे , “मैंने पर्थ और ब्रिस्बेन की पिचों में दरारें देखी हैं. जब पर्थ में गेंद दरार से टकराती है, तो यह बहुत बुरी तरह से आपके सिर के पार चली जाती है. लेकिन फिर कुछ नहीं होता. आपको अपना धैर्य और साहस दिखाना होगा. लेकिन जब यह भारत में होता है तो हायतौबा हो जाती है.”

बहरहाल उसी पिच पर जो रूट ने 122 रन बनाकर इंग्लैंड के स्कोर को 353 रन तक पहुँचा दिया.

बेन फ़ोक्स ने 47 और ओली रॉबिन्सन ने 58 रनों की पारियाँ खेलीं. जडेजा ने सबसे ज़्यादा चार विकेट लिए. आकाश दीप को तीन और मोहम्मद सिराज को दो विकेट लिए

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मैच के दूसरे दिन भारतीय बल्लेबाज़ों का पिच से पाला पड़ा. 177 रन पर सात विकेट गिर गए.

कप्तान रोहित शर्मा दो ही रन बना पाए. इसके बाद से ध्रुव जुरेल और कुलदीप यादव ने भारत को मुसीबत से बचाया . फिर भी टीम इंडिया पहली पारी में 307 रन ही बना पायी. इंग्लैंड को पहली पारी में 46 रनों की बढ़त मिली.

ध्रुव जुरेल ने 149 गेंदों का सामना करते हुए 90 रन बनाए. ध्रुव ने इस पारी के दौरान 6 चौके और 4 छक्के लगाए. कुलदीप यादव 131 गेंदों में 28 रन बनाकर आउट हुए. उन्होंने 2 छक्के लगाए. इससे पहले यशस्वी जयसवाल ने सबसे ज़्यादा 73 रन बनाए.

इंग्लैंड के लिए शानदार गेंदबाजी करते हुए ऑफ़ ब्रेक गेंदबाज़ शोएब बशीर ने 5 विकेट झटके. टॉम हार्टली ने 3 विकेट लिए और जेम्स एंडरसन ने भी 2 विकेट.लिए

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असली ट्विस्ट तो अभी बाक़ी था. भारतीय स्पिनरों ने इंग्लैंड की आशंकाओं को सही साबित कर दिया. पिच अब खुलकर स्पिनरों को मदद देने लगी थी.

रविचंद्रन अश्विन ने पाँच, कुलदीप यादव ने चार और रविंद्र जडेजा ने एक विकेट लेकर इंग्लैंड की दूसरी पारी 145 रन पर समेट दी और भारत के जीत के लिए 192 रन का लक्ष्य मिला.

मेहमान टीम के लिए जैक क्रॉली ने सबसे बड़ी 60 रनों की पारी खेली, जिसमें उन्होंने 7 चौके लगाए.

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इमेज कैप्शन,विकेट लेने पर जश्न मनाते हुए आर अश्विन

रविचंद्रन अश्विन घरेलू पिच पर सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ बन गए. अनिल कुंबले ने 350 विकेट लिए थे जबकि अश्विन 354 विकेट  बना चुके हैं.

अश्विन और कुंबले ने भारत के लिए 35-35 बार पाँच या पाँच से ज़्यादा विकेट लिए हैं. अश्विन, जसप्रीत बुमराह और रविंद्र जडेजा सिरीज़ में 17-17 विकेट ले चुके हैं

विवादों को छोड़कर देखा जाए तो टेस्ट बेहद रोमांचक रहा. पहली पारी में इंग्लैंड ने पकड़ बनायी तो दूसरी पारी में भारत ने.

पिच ऐसा भी नहीं था कि बल्लेबाज़ी ही नहीं की जा सकती थी. पिच स्पिनर्स के लिए मददगार साबित ज़रूर हुई लेकिन तेज़ गेंदबाज़ों ने भी विकेट निकाले |

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