उत्तराखंड के हल्द्वानी में अवैध मस्जिद-मदरसे पर बुलडोजर चलाने  से हिंसा फैल गई है. हलद्वानी के बनभूलपुरा इलाके में गुरुवार को नगर निगम ने मस्जिद और मदरसे को जेसीबी मशीन से गिरा  दिया. इसके बाद हिंसा की आग इतनी भयावह तरीके से फैली कि पूरे इलाके में दंगा हो गया, शहर छावनी में बदल  गई और कर्फ्यू लगा दिया गया. हल्द्वानी हिंसा में अब तक 2 लोगों की मौत हुई है और दर्जनों लोग घायल हैं. मगर अब हल्द्वानी हिंसा को लेकर प्रशासन ने बड़ा खुलासा किया है. हल्द्वानी हिंसा पर नैनीताल की डीएम वंदना सिंह ने जो खुलासे किए हैं, वह किसी बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रहे हैं. खुद डीएण वंदना सिंह ने कहा है कि हल्द्वानी हिंसा के पीछे एक बड़ी साजिश ह

नैनीताल डीएम वंदना सिंह के खुलासे से यह स्पष्ट हो रहा है कि हल्द्वानी हिंसा के पीछे एक सोची-समझी साजिश थी. नैनीताल डीएम वंदना सिंह के मुताबिक, मस्जिद-मदरसे को ध्वस्त करने से पहले नोटिस दिया गया था. जब नोटिस दिया गया था, तब वहां इतनी भारी मात्रा में पत्थर नहीं थे. मगर एक्शन वाले दिन पत्थर अचानक वहां इतना कहां से आए. उन्होंने कहा कि नगर निगम द्वारा अतिक्रमण हटाने के आधे घंटे बाद ही आगजनी हो गई और मस्जिद के आसपास के घरों वाले छतों से पुलिसकर्मियों और नगर निगम के अफसरों पर पत्थरों की बरसात होने लगी.

नैनीताल डीएम ने और क्या-क्या कहा
वंदना सिंह ने कहा, ‘हाईकोर्ट के आदेश के बाद हलद्वानी में विभिन्न स्थानों पर अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की गई. सभी को नोटिस दिया गया और सुनवाई के लिए समय दिया गया. कुछ ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जबकि कुछ को समय दिया गया. कुछ को समय नहीं दिया गया. जहां समय नहीं दिया गया वहां पीडब्ल्यूडी और नगर निगम द्वारा विध्वंस अभियान चलाया गया. यह कोई अलग गतिविधि नहीं थी और किसी विशेष संपत्ति को लक्षित नहीं किया गया था.’

हल्द्वानी हिंसा के पीछे साजिश के ये रहे सबूत
-जब नोटिस दिया गया था, तब वहां इतने भारी मात्रा में पत्थर नहीं थे.
-अतिक्रमण हटाने के आधे घंटे के बाद ही आगजनी हो गई.
-मस्जिद-मदरसे के आसपास के घरों पत्थर मिले
-थाने में खड़े गाड़ियों में आग लगाई गई
-आसपास के छतों से पथराव किया गया
-भीड़ ने पेट्रोल बेम से हमला किया
-भीड़ ने थाने पर हमला किया
-थाने में पुलिसवालों को जिंदा जलाने की कोशिश
-छतों पर पत्तर इकट्ठा करके रखे गए थे

By naseem

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *