पंजाब में भिन्न भिन्न किसान संगठनों ने ‘दिल्ली चलो’ मार्च का ऐलान किया है. ऐसे में बुधवार (6 मार्च) को बड़ी संख्या में किसानों के दिल्ली पहुंचने की उम्मीद ज है. इस बात का ख्याल रखते हुए दिल्ली पुलिस ने मंगलवार (5 मार्च) को कहा कि उन्होंने राजधानी के रेलवे स्टेशनों और इंटरस्टेट बस टर्मिनल (आईएसबीटी) पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है. आने-जाने वाले हर शख्स की निगरानी की जा रही है. पुलिस मार्च को लेकर पूरी तरह से चौकस नजर आ रही है.
किसान प्रदर्शन का नेतृत्व दो किसान संगठन ‘किसान मजदूर मोर्चा’KMM और संयुक्त किसान मोर्चा कर रहे हैं. दोनों संगठनों ने 3 मार्च को देशभर के किसानों से निवेदन की कि वे बुधवार को बड़ी संख्या दिल्ली पहुंचें. दिल्ली आने के लिए वे ट्रेन और बसों का सहारा लें. प्रस्तावित प्रदर्शन की वजह से दिल्ली पुलिस ने टिकरी, सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर पर भी सुरक्षा बढ़ा दी है. इसके अलावा राजधानी के सभी मेट्रो स्टेशनों पर भी निगरानी की जा रही है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि रेलवे स्टेशनों और बस स्टैंड्स पर टीमों को तैनात किया गया है, जो शहर पहुंचने वाले प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करेंगे. सबसे ज्यादा तैनाती रेलवे स्टेशनों और बस स्टैंडों पर की गई है, क्योंकि किसान संगठनों ने किसानों को इनके जरिए ही दिल्ली जाने को कहा है. किसानों को अभी तक दिल्ली आने का मौका नहीं मिला है.
नाम नहीं छापने की शर्त पर अधिकारी ने बताया, ‘दिल्ली में धारा 144 लागू कर दी गई है. इसके तहत चार या उससे ज्यादा लोगों के एक इलाके में एकठा होने की इजाजत नहीं है. पुलिस बलों की अतिरिक्त कंपनियां उन सभी संभावित स्थानों पर तैनात हैं, जहां प्रदर्शनकारी इकट्ठा हो सकते हैं. हम उन्हें तुरंत वहीं हिरासत में ले लेंगे. शहर की सड़कों पर कोई बैरिकेडिंग नहीं होगी. हालांकि, हम विभिन्न सड़कों पर वाहनों की आवाजाही पर समय समय पर नजर रखेंगे.’
किसान संगठनों ने 10 मार्च को देशभर में ‘रेल रोको’ आंदोलन का भी घोषणा किया है. डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (रेलवे) केपीएस मल्होत्रा ने कहा है कि किसी भी तरह की अनहोनी से बचने के लिए रेलवे स्टेशनों के अंदर और बाहर सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा इंतजाम कर दिया गया है. उन्होंने कहा, ‘हम रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की आवाजाही पर लगातार नजर रख रहे हैं.’ दिल्ली के कुछ प्रमुख रेलवे स्टेशनों जैसे नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली, आनंद विहार, सराय रोहिल्ला पर सुरक्षा बढ़ाई गई है.
दरअसल, किसानों ने 13 फरवरी को ‘दिल्ली चलो’ मार्च के तहत अपने प्रदर्शन की शुरुआत की. प्रदर्शनकारी किसानों को पंजाब और हरियाणा के बॉर्डर पर ही रोक लिया गया, जिसकी वजह से झड़प की घटनाएं भी देखने को मिलीं. इसके बाद से ही किसान पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर ही डटे हुए हैं. प्रदर्शनकारी किसानों और सरकार के बीच चार दौर की वार्ता भी हुई है, लेकिन अभी तक इसका कोई परिणाम नहीं निकला है.
क्या है किसानों की मांग?
किसानों की सरकार से कई मांगे हैं, जिनमें सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP किसानों की कर्जमाफी और नवंबर 2020-दिसंबर 2021 तक चले किसान प्रदर्शन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों के लिए नौकरी शामिल हैं. इसके अलावा लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए किसानों को न्याय दिलवाना और किसान प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों पर दर्ज हुए केस को रद्द किया जाना भी किसानों की मांग है.