22 अप्रैल यूरोपीय आयोग द्वारा मौजूदा नियमों में कुछ बदलाव किए जाने से यूरोप जाने वाले भारतीय यात्री अब पांच साल तक के बहु-प्रवेश शेंगेन वीजा के लिए आवेदन कर सकेंगे।
भारत में यूरोपीय संघ (ईयू) के राजदूत हर्वे डेल्फिन ने नयी वीजा व्यवस्था को दोनों पक्षों के बीच लोगों से लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने की दिशा में एक और कदम बताया।
यूरोपीय संघ के एक संदेश में कहा गया, “18 अप्रैल को यूरोपीय आयोग ने भारतीय नागरिकों को बहु-प्रवेश वीजा जारी करने पर विशिष्ट नियमों को मंजूरी दी, जो आज तक लागू वीजा संहिता के मानक नियमों की तुलना में अधिक अनुकूल हैं।”
इसमें कहा गया, “भारत के लिए अपनाई गई नयी वीजा प्रणाली के अनुसार, पिछले तीन वर्षों के भीतर दो वीजा प्राप्त करने और वैध रूप से इनका उपयोग करने के बाद भारतीय नागरिकों को अब दो साल के लिए वैध दीर्घकालिक, बहु-प्रवेश शेंगेन वीजा जारी किया जा सकता है।”
संदेश में कहा गया, “पासपोर्ट की पर्याप्त वैधता शेष होने पर दो साल के वीजा के बाद आम तौर पर पांच साल का वीजा दिया जाएगा। इन वीजा की वैधता अवधि के दौरान, धारकों को वीजा-मुक्त नागरिकों के बराबर यात्रा अधिकार का लाभ मिलता है।’’
इसमें कहा गया कि वीजा मानदंडों में बदलाव प्रवासन और गतिशीलता पर यूरोपीय संघ-भारत के आम एजेंडे के तहत “मजबूत” संबंधों के संदर्भ में आया है जो दोनों पक्षों के बीच प्रवासन नीति पर व्यापक सहयोग की बात करता है।
शेंगेन वीजा धारक को 180 दिन की किसी भी अवधि में अधिकतम 90 दिन के अल्प प्रवास के लिए शेंगेन क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से यात्रा करने की अनुमति होती है। वीजा उद्देश्य-बद्ध नहीं हैं, लेकिन वे काम करने का अधिकार नहीं देते हैं।
शेंगेन क्षेत्र में 29 यूरोपीय देश शामिल हैं जिनमें से यूरोपीय संघ के 25 देश हैं।
इनमें बेल्जियम, बुल्गारिया, क्रोएशिया, चेक गणराज्य, डेनमार्क, जर्मनी, एस्टोनिया, यूनान, स्पेन, फ्रांस, इटली, लातविया, लिथुआनिया, लक्जमबर्ग, हंगरी, माल्टा, नीदरलैंड, ऑस्ट्रिया, पोलैंड, पुर्तगाल, रोमानिया, स्लोवेनिया, स्लोवाकिया, आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे, स्विट्जरलैंड, फिनलैंड और स्वीडन शामिल हैं।