भुवनेश्वर/संबलपुर, 8 सितंबर (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, ओडिशा के राज्यपाल रघुबर दास, मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को लोगों को ‘नुआखाई’ के अवसर पर शुभकामनाएं दीं। यह कृषि संबंधी त्योहार है जो मुख्य रूप से ओडिशा के पश्चिमी भागों में मनाया जाता है।
नुआखाई एक कृषि त्योहार है जिसमें ओडिशा के पश्चिमी जिलों में खेत की पहली फसल देवी को अर्पित की जाती है और लोग प्रत्येक घर के बुजुर्गों का आशीर्वाद लेते हैं।
ओडिशा की रहने वाली मुर्मू ने सभी भारतीयों, विशेषकर ओडिशा के लोगों को नुआखाई की हार्दिक शुभकामनाएं दीं।
नुआखाई को एक प्रमुख कृषि त्योहार बताते हुए मुर्मू ने कहा, “नुआखाई त्योहार देश के किसानों के प्रति आभार व्यक्त करने का एक अवसर है। यह त्योहार सभी के जीवन में खुशियाँ और समृद्धि लाए।” माझी ने इस शुभ दिन पर सभी लोगों की समृद्धि और खुशहाली की कामना की और विश्व के कल्याण की प्रार्थना की।
ओडिशा के सीएम दो दिवसीय दौरे पर संबलपुर पहुंचे हैं। मां समलेश्वरी मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद रविवार को वे पश्चिमी ओडिशा में सीएम किसान योजना का शुभारंभ करेंगे। वे ‘नुआखाई भेटघाट’ कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेंगे।
शाह ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “नुआखाई के अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं। प्रकृति के साथ हमारे बंधन को पुनर्जीवित करने वाला त्योहार, नुआखाई हमारी प्राचीन संस्कृति का जीवंत अवशेष है। मां समलेश्वरी का आशीर्वाद सभी को अच्छे स्वास्थ्य, खुशी और समृद्धि प्रदान करे।” केंद्रीय शिक्षा मंत्री और संबलपुर के सांसद धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “नुआखाई हमारी सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और सामाजिक जीवन शैली का एक उज्ज्वल प्रतीक है। यह त्योहार सभी को मिलजुल कर रहने का मजबूत संदेश देता है। इस अवसर पर मैं मां समलेश्वरी से सभी की खुशहाली और समृद्धि की प्रार्थना करता हूं।” ओडिशा विधानसभा में विपक्ष के नेता नवीन पटनायक ने एक्स पर एक पोस्ट में लोगों को एक वीडियो संदेश के जरिए शुभकामनाएं दीं और कहा, “सभी को मेरी नुआखाई की शुभकामनाएं। मां समलेश्वरी आप सभी को अच्छे जीवन, खुशी और समृद्धि का आशीर्वाद दें।”
नुआखाई के उत्सव में नए कपड़े पहनना, इष्टदेव की पूजा करना और पूरे परिवार के साथ शानदार दोपहर का भोजन करना शामिल है, जो सामान्य अनुष्ठानों के अलावा है। लोग दोस्तों, रिश्तेदारों और शुभचिंतकों के साथ ‘नुआखाई जुहार’ की शुभकामनाओं का आदान-प्रदान करते हैं। इस दिन, पश्चिमी ओडिशा के किसान अपने इष्टदेव को साल की पहली फसल अर्पित करते हैं। परिवार का मुखिया अपने इष्टदेव को चावल और अन्य खाद्य पदार्थ अर्पित करता है।
संबलपुर में नुआखाई के अवसर पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु अपनी इष्टदेवी मां समलेश्वरी मंदिर में दर्शन के लिए उमड़े। सुबह 9.12 बजे से 9.27 बजे के बीच निर्धारित लग्न (शुभ मुहूर्त) पर पहली कटी हुई धान की फसल से बने नए चावल को देवी समलेश्वरी को अर्पित किया गया।
समलेश्वरी मंदिर के पुजारी अंबिका राय ने बताया, “नए चावल, नई सब्जियां और मौसमी फल निर्धारित लग्न पर देवी को अर्पित किए गए और बाद में अन्य 115 देवताओं (पार्श्व देव देवी) को नई फसल अर्पित की गई।”
इससे पहले नुआखाई का त्यौहार अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग दिन मनाया जाता था, लेकिन 1991 से राज्य के लोग इसे एक ही दिन मनाते आ रहे हैं।
स्थानीय लेखक सिद्धार्थ पांडा ने कहा, “यह त्यौहार अनाज के लिए भगवान के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है। पश्चिमी उड़ीसा में नुआखाई किसी विशेष समूह, जाति या पंथ का त्यौहार नहीं है। यह त्यौहार क्षेत्र के सभी लोगों द्वारा बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है