शेख हसीना ने 15 साल तक बांग्लादेश की सरकार पर काबिज रहने के बाद सोमवार (5 अगस्त) को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और वह देश छोड़कर भारत पहुंचीं. बांग्लादेश की पीएम के तौर पर कुछ महीनों पहले, शेख हसीना ने एक हैरान कर देने वाला दावा पेश किया था. जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार को गिराने के लिए “षड्यंत्र” रचे जा रहे हैं और उनके पिता शेख मुजीबुर रहमान की तरह उनकी भी हत्या की जा सकती है. इन सबके पीछे एक ‘व्हाइट मैन’ है.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश छोड़ने से कुछ समय पहले शेख हसीना ने दो महीने पहले मई में दावा किया था कि उनकी सरकार को गिराने के लिए “षड्यंत्र” रचे जा रहे हैं. साथ ही उन्होंने बांग्लादेश और म्यांमार को मिलाकर एक नया “ईसाई देश” बनाने को लेकर खुलकर कहा था कि उनके ऊपर विदेश से दबाव बनाया जा रहा है.
जनवरी में फिर से चुनाव लड़ने का मिला था प्रस्ताव- शेख हसीना
पूर्व पीएम शेख हसीना ने ये भी कहा था कि उन्हें जनवरी में फिर से चुनाव लड़ने का आसान प्रस्ताव दिया गया था. जिसे उन्होंने अपनी कट्टर प्रतिद्वंद्वी खालिदा जिया की पार्टी के बहिष्कार किए गए एकतरफा चुनाव में हासिल कर लिया था. उन्होंने दावा किया कि शर्त यह थी कि उन्हें बांग्लादेश में किसी विदेशी देश को एयरबेस बनाने की अनुमति देनी होगी, उन्होंने कहा कि इसी वजह से उनकी सरकार हमेशा मुश्किल में रही है.
हालांकि, इसी साल 2024 के मई महीने में बांग्लादेश के तत्कालीन पीएम शेख हसीना ने कहा था, “अगर मैंने एक खास देश को बांग्लादेश में एयरबेस बनाने की अनुमति दी होती, तो मुझे कोई समस्या नहीं होती.” उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव एक “व्हाइट मैन” की ओर से आया था, लेकिन उन्होंने किसी देश का नाम नहीं बताया. उन्होंने आगे कहा था कि ऐसा लग सकता है कि यह केवल एक देश के लिए है, लेकिन ऐसा नहीं है. मुझे पता है कि वे और कहां जाने का इरादा रखते हैं.
ईसाई देश बनाने का था मंशा
बांग्लादेश के पूर्व पीएम शेख हसीना कहा था कि ‘पूर्वी तिमोर की तरह वे बांग्लादेश (चटगांव) और म्यांमार के कुछ हिस्सों को लेकर एक ईसाई देश बनाएंगे और बंगाल की खाड़ी में एक बेस बनाएंगे. हसीना ने कहा कि कई लोगों की नजर इस जगह पर है. हालांकि, शेख हसीना ने किसी भी दबाव के आगे न झुकने की कसम खाई थी.