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सामना के जरिए हमला शिवसेना ने लगाए BJP पे कई गंभीर आरोप

 महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना (यूबीटी) ने ‘सामना’ के जरिए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर कई सवाल गए हैं. ‘सामना’ ने अपने संपादकीय में लिखा है कि भारतीय लोकतंत्र के और कितने चीथड़े उड़ने बाकी हैं? दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके सरकारी घर में घुसकर ईED ने गिरफ्तार कर लिया. दिल्ली विधानसभा में केजरीवाल के पास पूर्ण बहुमत है. पंजाब में उनकी ‘आप’ पार्टी की सरकार है, लेकिन लोकसभा चुनाव में केजरीवाल ने ‘इंडिया एलायंस’ के साथ गठबंधन कर लिया. इससे दिल्ली और हरियाणा में बीजेपी को बड़ा झटका लगेगा. केजरीवाल को कांग्रेस के साथ जाने से रोकने के लिए ED  के जरिए दहशत फैलाई गई.

uddaw thakarey photo- X

सामना’ के जरिए हमला

सामना’ ने लिखा कि जब केजरीवाल ने बीजेपी के सामने झुकने से इनकार कर दिया तो ED ने उनके सरकारी आवास में घुसकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया. शराब घोटाला ये  सब बहाना है. अगर केजरीवाल ने कांग्रेस का साथ छोड़कर बीजेपी की ‘वॉशिंग मशीन’ से हाथ मिला लिया होता तो अजीत पवार की तरह उन्हें भी बीजेपी के नए शंकराचार्य के रूप मे  नियुक्त कर दिया गया होता.

‘सामना’ ने अपने संपादकीय में आगे लिखा कि इससे पहले झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी इसी तरह ED ने गिरफ्तार किया था. जब जनता की पूर्ण बहुमत से चुनी गई सरकारों को उखाड़ा नहीं जा सकता, तब ED जैसे तंत्र का उपयोग करके केवल विपक्षी दलों के मुख्यमंत्रियों को गिरफ्तार करने की नीति मोदी-शाह सरकार ने अपनाई है. इसे ही तानाशाही कहते हैं. रशिया या चीन जैसे देशों में, विरोधियों को आसानी से गायब कर दिया जाता है या मार दिया जाता है. हमारे देश में लोकतंत्र की बदहजमी के चलते विरोधियों पर झूठे FIR दर्ज कर उन्हें महीनों जेल में डाल दिया जाता है.

‘सामना’ ने लिखा कि देश में लोकसभा चुनाव की ऐलान हो चुकी है. चुनाव भयमुक्त वातावरण में पारदर्शी तरीके से होंगे, ऐसी घोषणा इलेक्शन कमीशन ने की है, लेकिन जब आचार संहिता लागू हो गई है तो चुनाव में हिस्सा लेनेवाली सरकार विरोधियों का इस तरह से गला घोंटने को इसे किस तरह का निसानी  समझा जाए? विपक्ष को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए यह चल रहा आतंकवाद है. औरंगजेब या तो अपने विरोधियों को इसी तरह से दंडित करता था या उन्हें यमसदन भेजता था. मौजूदा केंद्र सरकार में भी वही औरंगजेबी प्रवृत्ति देखने को मिल रही है.

इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर बीजेपी पर हमला

उद्धव ठाकरे की पार्टी ने ‘सामना’ के जरिए कहा कि ED का आरोप है कि केजरीवाल एक राजनीतिक पार्टी चलाते हैं और उन्होंने शराब ठेकों के बदले चंदा लिया, लेकिन इस तरह हजारों करोड़ रुपए का चंदा BJP के खाते में भी जमा हुआ है. इलेक्टोरल बॉन्ड घोटालों से BJP के चेहरे पर खरोंच आ गई. जिन कंपनियों पर ईडी और सीबीआई ने छापे मारे उन कंपनियों से BJP ने जबरदस्ती वसूली कर पार्टी के लिए फंड लिया. आपराधिक धन को घुमा देना ही ‘पीएमएलए’ एक्ट में मनी लॉन्ड्रिंग कहलाता है.

इस तरह की मनी लॉन्ड्रिंग BJP ने की, लेकिन BJP और उसके वसूली एजेंट आजाद हैं और केजरीवाल, सिसोदिया, संजय सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है. 2014 से अब तक ED की ओर से की गई कार्रवाइयों पर नजर डालें तो 95 फीसदी कार्रवाइयां विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ की गई हैं.

‘लोकतंत्र को पूरी तरह खत्म करने की साजिश’

‘सामना’ ने ये भी लिखा कि दिल्ली सरकार ने शराब नीति को लेकर जो फैसले लिए हैं, उससे सरकार को 2,873 करोड़ का नुकसान हुआ है. ED ने दावा किया है कि दक्षिण भारत में शराब उद्यमियों को फायदा पहुंचाने के लिए 136 करोड़ रुपए की लाइसेंस फीस माफ कर दी गई और उसके एवज में 100 करोड़ रुपए का फंड स्वीकार किया गया. फिलहाल, ED एक अविश्वसनीय भैंसा बन गया है जो मोदी-शाह के चाबुक मारते ही उनको अपना शिकार बनाता है, जिन्हें वे अपना निशाना बनाते हैं.

इससे देश का लोकतंत्र, स्वतंत्रता, संविधान नष्ट हो गया है. वर्तमान शासकों की यह नीति खतरनाक है कि कोई विरोधी स्वर रहना ही नहीं चाहिए. यह लोकतंत्र को पूरी तरह खत्म करने की साजिश है.

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