राजनीतिक कद में नीतीश कुमार के आगे तेजस्वी यादव अब उनसे बड़े नज़र आ रहे हैं.
बिहार के सीएम ने विश्वास प्रस्ताव जीत लिया और उन्होंने आराम से तीन आरजेडी विधायकों का पाला बदलवाकर उन्हें बीजेपी में शामिल करा दिया.
लेकिन उनके पूर्व उप-मुख्यमंत्री और अब विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने बीजेपी-आरएसएस विरोधी पार्टियों का दिल ज़रूर जीत लिया.
इसके साथ ही उन्होंने उनका दिल भी जीता जो संघ परिवार की ‘ताक़त’ के ख़िलाफ़ संघर्ष कर रही ह
तेजस्वी का भाषण और लालू प्रसाद यादव
नीतीश कुमार 18 साल के अंदर नौवीं बार जब मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहे थे तब वो थके हुए, उलझन में और परेशान नज़र आ रहे थे जबकि उनके ख़िलाफ़ तेजस्वी एक विजेता की तरह भाषण दे रहे थे.
सदन में गरजते हुए तेजस्वी ने कहा, “आप ) हमारे साथ आए थे मोदी जी को हटाने के लिए. आपका ये भतीजा अब अकेले मोदी जी के ख़िलाफ़ झंडा उठाएगा और मोदी जी को बिहार में रोकेगा.”
तेजस्वी ने न केवल नीतीश की चमक फीकी की बल्कि ख़ुद को बिहार में इकलौते बीजेपी विरोधी के तौर पर ‘निर्णायक दावेदार’ के तौर पर स्थापित किया.
एक तरह से उन्होंने अपने पिता की अदम्य छवि को पेश किया. उनके पिता लालू प्रसाद यादव ने 90 के दशक में हिंदुत्व आइकन लालकृष्ण आडवाणी को राम रथयात्रा के दौरान गिरफ़्तार कर लिया था.
तेजस्वी की बीजेपी के सामने जंग की हुंकार उस समय गूंजी है जब अनुभवहीन विपक्षी गठबंधन इंडिया ध्वस्त हो रहा है.
इसकी शुरुआत इसके कथित ‘निर्माता’ नीतीश कुमार से हुई. इसके बाद उत्तर प्रदेश में आरएलडी नेता जयंत चौधरी, महाराष्ट्र में कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण बीजेपी के पाले में जा चुके हैं.
इसी दौरान तेजस्वी यादव को संघ परिवार के ख़िलाफ़ लगे संगठनों और लोगों की नज़र में उन्हें ‘हीरो’ बना दिया है.
तेजस्वी के सवाल
तेजस्वी ने नीतीश के आगे कुछ ऐसे सवाल रखे जिनका जवाब शायद उनके पास नहीं था.
उन्होंने कहा, “साल 2017 में आपने हमें ये कहकर छोड़ दिया था कि प्रवर्तन निदेशालय ने मुझ पर भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है. लेकिन आप 2022 में हमारे साथ आ गए और कहा कि जांच एजेंसियां हमारे परिवार पर शिकंजा कस रही हैं क्योंकि आप महागठबंधन के पक्ष में आ गए हैं.”
“आपने बार-बार यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी ने मीडिया पर कब्ज़ा कर लिया है जो आपकी बात नहीं छाप रही है. अब आप स्वयं ‘कब्ज़े के पक्ष में’ खड़े हैं. आप इस बारे में कैसे समझाएंगे?”
इसके अलावा तेजस्वी ने हिंदू पौराणिक कथाओं के किस्सों का भी ज़िक्र किया.
उन्होंने कहा, “आपने मुझे अपना बेटा बताया लेकिन आपने राजा दशरथ की तरह व्यवहार किया जिन्होंने अपने बेटे राम को कैकेई के दबाव में वनवास दिया था. आपने किसके दबाव में मुझे वनवास दिया ? ”
तेजस्वी यादव ने कहा, “आपने हम पर आरोप लगाया कि हम चार लाख नौकरियों का श्रेय ले रहे हैं. यह मैं था जिसने 2020 के विधानसभा चुनाव में वादा किया था कि 10 लाख नौकरियां देंगे और आपने इसकी हंसी उड़ाते हुए कहा था कि- ‘पैसा कहां से लाएंगे, अपने बाप के यहां से लाएंगे, जेल से लाएंगे.’ जब आप महागठबंधन में शामिल हुए तो हमने आपकी इच्छा न होते हुए भी आपको हमारा वादा पूरा करने के लिए राज़ी कराया.”
“अब आप चार लाख नौकरियां देने का श्रेय लेने के लिए हमें कठघरे में खड़ा कर रहे हैं, जो कि राज्य के इतिहास में एक अभूतपूर्व उपलब्धि है. मुझे गर्व है कि महागठबंधन सरकार ने इतने बड़े पैमाने पर नौकरियां दीं. हमें हमारे किए गए काम का श्रेय क्यों नहीं लेना चाहिए? अब आप बीजेपी के पाले में चले गए हैं तो जो काम आपकी सरकार करेगी उसका बीजेपी श्रेय नहीं लेगी क्या.”