UP Police Paper Leak Case: Rercuitment Board President Renuka Mishra Removed, Rajiv Krishna Gets Resposnbility

फ़ाइल फोटो – CM योगी  जी
UP कांस्टेबल  भर्ती की लिखित परीक्षा का पेपर लीक होने के मामले में राज्य सरकार ने भर्ती बोर्ड की अध्यक्ष डीजी रेणुका मिश्रा कि छुट्टी कर दिया है। उन्हें फिलहाल प्रतीक्षारत रखा गया है। सूत्रों के मुताबिक लिखित परीक्षा का प्रश्न पत्र छापने वाली प्रिंटिंग प्रेस का गलत चुनाव ,FIR कराने में हीलाहवाली और बोर्ड की आंतरिक जांच समिति की रिपोर्ट देने में देरी कीकारण से उनको हटाने का निर्णय  लिया गया है।

वहीं दूसरी ओर डीजी विजिलेंस राजीव कृष्णा पर राज्य सरकार ने भरोसा जताते हुए उनको भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष पद की बड़ी जिम्मेदारी दी  है। सूत्रों की मानें तो पेपर लीक मामले की जांच कर रही STF जल्द ही प्रिंटिंग प्रेस संचालकों के खिलाफ FIR दर्ज करा सकती है। अब तक हुई जांच में प्रिंटिंग प्रेस से ही पेपर लीक होने के सुराग मिल रहे हैं।

STF की टीमें प्रिंटिंग प्रेस के संचालकों, कर्मचारियों, सुरक्षाकर्मियों आदि के बारे में गहनता से जाच  करने में लगी  हैं। अधिकारियों की मानें तो जल्द ही पेपर लीक मामले में कई अन्य जिलों में भी FIR कराने की तैयारी है।

इसके अलावा हाल ही में डीजी के पद पर प्रोन्नत हुए अभय कुमार प्रसाद को ईओडब्ल्यू से हटाकर नागरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। बता दें कि मुकुल गोयल के सेवानिवृत्त होने के बाद डीजी नागरिक सुरक्षा का पद खाली हो गया था।

यूपी के सभी 75 जिलों में सिपाही भर्ती की लिखित परीक्षा 17 व 18 फरवरी को आयोजित की गई थी। इस परीक्षा का पेपर लीक हो गया था। बाद में यूपी सरकार ने परीक्षा को रद्द कर दिया था। साथ ही छह माह में इसे फिर से कराने के निर्देश जारी किए गए थे।

मामले में कार्रवाई करते हुए UP STF ने बीती दो मार्च को दो और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। STF को इनके पास से प्रवेश पत्र व अन्य अहम दस्तावेज मिले  हुए हैं। मामले में विभूतिखण्ड थाने में FIR दर्ज की गई है। गिरफ्तार किए गए अरोपियों में प्रयागराज का अजय सिंह और सोनू सिंह यादव शामिल हैं।
सिपाही भर्ती परीक्षा में प्रदेश के करीब 50 लाख युवाओं ने हिस्सा लिया था। परीक्षा का आयोजन दो पालियों में किया गया था। पेपर लीक के बाद परीक्षा को रद्द कर दिया गया था और छह महीने के अंदर दोबारा परीक्षा कराने का घोषणा किया गया था। वहीं एक मार्च को STF ने लोनी के पुश्ता पुलिस चौकी के पास से एक और आरोपी कपिल तोमर निवासी ग्राम बेगमाबाद गढ़ी बागपत को गिरफ्तार किया था।

उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती के लिए 18 फरवरी को आयोजित परीक्षा के दौरान कृष्णानगर स्थित एक स्कूल में परीक्षार्थी सत्य अमन कुमार के पास मिली सवालों के जवाब की पर्ची से पेपर लीक होने की शंका जताई थी। FIR दर्ज कराने वाले इंस्पेक्टर ने भी तहरीर में सुनियोजित तरीके से पेपर लीक होने की बात लिखी। वहीं, परीक्षार्थी को सवालों के जवाब व्हाट्सएप पर भेजने वाले आरोपी नीरज को अब तक पुलिस नहीं पकड़ा है। आरोपी नीरज को प्रश्नों की जानकारी कहां से मिले, यह अहम सवाल अभी तक रहस्य बना  है।

पूछताछ में पता चला था कि सॉल्व पेपर उसे परीक्षा केंद्र के बाहर फोन पर मिला था। पुलिस रवि को मुकदमा दर्ज करने के बाद जेल भेज चुकी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सॉल्व कॉपी का राज खोलने के लिए अब अभ्यर्थी के मोबाइल से डिलीट किए गए डाटा की रिकवरी की जा रही है। अभी भी पुलिस मामले की जांच कर रही है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि पेपर लीक उत्तर प्रदेश ही नहीं, देश भर के युवाओं के लिए मुसीबत बन गया है। पिछले 7 वर्षों में ही 70 से अधिक पेपर लीक के मामलों ने 2 करोड़ से अधिक छात्रों का सपना तोड़ा है। इससे न सिर्फ भविष्य निर्माण के कीमती वर्ष बर्बाद हो रहे हैं बल्कि उनके परिवारों पर भी आर्थिक और मानसिक बोझ पड़ रहा है।

लापरवाह सरकार, भ्रष्ट अधिकारी, नकल माफिया और निजी प्रिंटिंग प्रेसों के आपराधिक गठजोड़ को खत्म कर हर स्तर पर जवाबदेही सुनिश्चित करने की ज़रूरत है। जब मैंने छात्रों से बातचीत की तो उन्होंने मुझे बताया कि पेपर लीक की तीन मुख्य वजह हैं। बिका हुआ सरकारी तंत्र, निजी प्रिंटिंग प्रेस और भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुके अधीनस्थ सेवा चयन आयोग।

सभी से मिले सुझावों को मिला कर कांग्रेस युवाओं की भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए एक ठोस और फूलप्रूफ प्लान तैयार कर रही है, और बहुत जल्द हम आपके सामने अपना विज़न रखेंगे। हम छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने देंगे! युवाओं का भविष्य इंडिया की प्राथमिकता है।

By naseem

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