दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय की टीम राउज एवेन्यू कोर्ट लेकर पहुंची है, जहां पर इस मामले की सुनवाई की जा रही है. ईED ने केजरीवाल को गुरुवार को उनके घर से शराब नीति मामले में गिरफ्तार किया था. ईडी ने केजरीवाल का 10 दिन का रिमांड मांगा है. कोर्ट में केजरीवाल की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए हैं. एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने सुनवाई के दौरान कहा कि मनीष सिसोदिया ने भी मामले में मुख्य भूमिका निभाई. बुची बाबू के ज़रिए पहले 10 करोड़ और फिर 15 करोड़ रुपये कैश ट्रांसफर किये गए. वहीं, अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ED साबित करे कि आखिर केजरीवाल की गिरफ्तारी की जरूरत क्यों है? वहीं केजरीवाल की तरफ से तीन वकीलों के पेश होने पर ईडी की ओर से विरोध जताया गया
केजरीवाल के वकील ने कहा ED कहती है कि उनके पास मेरे खिलाफ सारी सामग्री थी, तो फिर आपने आचार संहिता लागू होने तक इंतजार क्यों किया? क्या आप इसका इंतजार कर रहे थे? चुनाव में भाग लेना एक राजनेता का अधिकार है.
साथ ही अरविंद केजरीवाल के वकीलों ने रिमांड प्रार्थना को खारिज करने के लिए आवेदन दायर किया है.
केजरीवाल के वकील विक्रम चौधरी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को जिस तरह से गिरफ्तार किया गया है, उससे ED की जल्दबाजी पता चल रही है. ED के रिमांड पेपर में इनकी जल्दबाजी दिख रही है, जबकि ED के पास अरविंद केजरीवाल को लेकर कोई सीधा सबूत नहीं है. रिमांड की शुरुआती लाइन ही ईडी की दलील पर सवाल खड़ा करती है. आप प्रमुख या मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें नहीं बुलाया जा रहा था.
इससे पहले, सिंघवी ने कहा कि कल दिल्ली हाईकोर्ट में ED ने कहा कि हम केजरीवाल को उनकी निजी हैसियत से बुला रहे हैं. आज पार्टी को कंपनी आदि के रूप में संदर्भित करते हुए बहुत सारी सामग्री कि कोर्ट में पेश कर दी गई.
वहीं ED ने कहा कि केजरीवाल अकेले जिम्मेदार नहीं हैं, बल्कि उनके सहयोगी भी जिम्मेदार हैं. आम आदमी पार्टी एक कंपनी की तरह है और यह उसके संयोजक हैं.
वहीं केजरीवाल के वकील ने कहा कि जब दिल्ली हाईकोर्ट में समन को चुनौती दी गई तो ED ने समय मांगा और अगले दिन केजरीवाल ने गिरफ्तारी से संरक्षण मांगा तो भी ED ने जवाब देने के लिए समय मांगा और उसके कुछ ही देर बाद केजरीवाल को गिरफ्तार करने पहुंच गए.
दिल्ली शराब नीति मामले में अरविंद केजरीवाल की ओर से पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुनवाई के दौरान कहा कि जांच में शामिल अब तक 50 फीसदी लोगों ने केजरीवाल का नाम नहीं लिया है. वहीं 82 फीसदी लोगों ने केजरीवाल के साथ किसी डीलिंग का जिक्र नहीं किया है. सिंघवी ने कहा आप मुझे बिना किसी कारण के गिरफ्तार नहीं कर सकते हैं. पीएमएलए अभी भी भारत का अधिनियम है, किसी अन्य देश का नही है.
सिंघवी ने कहा कि यह अदालत किसी रबर स्टाम्प की तरह काम नहीं कर सकतीहै्, जितनी रिमांड मांगी जाए उतनी दे दी जाए. उन्होंने कहा कि शरद रेड्डी ने कहा है कि उसने विजय नायर को कोई पैसा नहीं दिया. यह बयान दो साल पहले 9 सितम्बर 2022 को दिया गया था. शरद रेड्डी को गिरफ्तार भी इसलिए किया गया कि वो केजरीवाल का नाम नहीं ले रहा था. उन्होंने कहा कि जो लोग सरकारी गवाह बन जाते है, अगले दिन उनकी पीठ में दर्द हो जाता है. ED तब उनकी जमानत अर्जी का विरोध नहीं करती हैं. उन्होंने कहा कि मनमाफिक बयान दिलाने की एवज में गवाहों को जमानत दिलवा देना ED का अब नया काम बन गया है.
उन्होंने कहा, “रिमांड यूं ही नहीं मिल जाती इसके लिए कोर्ट को संतुष्ट करना पड़ता है. अन्य क़ानूनों के विपरीत, मैं पहले से ही अपराध का दोषी हूं, जमानत के प्रावधानों को भी इतना सख्त कर दिया गया है. ED साबित करे कि आखिर केजरीवाल की गिरफ्तारी की ज़रूरत क्यों है? गिरफ्तार करने की शक्ति होने का मतलब ये नहीं कि आपके पास गिरफ्तार करने की अनिवार्यता है”
अभिषेक मनु सिंघवी ने सुनवाई के दौरान कहा, “ऐसी कोई अनिवार्यता नहीं है कि अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किए बिना कोई जानकारी उनसे ना ली जा सके. ईडी द्वारा लगातार वही 3-4 नाम उछाले जा रहे हैं. इस केस में गिरफ्तार सभी लोगों के मामलों में पैटर्न बिल्कुल एक जैसा है. संपूर्ण रिमांड आवेदन गिरफ्तारी नोट की कॉपी है. मार्च 2024 में केजरीवाल को गिरफ्तार करने का मतलब क्या है. मैं समझता हूं कि आपको तत्काल प्रकृति की किसी चीज़ की आवश्यकता है. गिरफ्तारी का आधार क्या है…? गवाहों के बयान…? राजू का बयान दर्ज है कि हमें केजरीवाल की हिरासत की जरूरत नहीं है. गवाह सबसे बदकिस्मत दोस्त हो सकता है, जिसने अपनी आजादी के लिए सौदा किया हो. यह पहली बार है, जब किसी राजनीतिक पार्टी के टॉप नेताओं की गिरफ्तारी हुई है और सिटिंग मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी हुई हो.”
सिंघवी ने कहा, “भारत के इतिहास में पहली बार किसी मौजूदा मुख्यमंत्री को गिरफ़्तार किया गया है. पहली बार ऐसा हुआ है कि उनकी पार्टी के पहले चार नेताओं को गिरफ़्तार किया गया है. ऐसा लगता है जैसे पहला वोट डालने से पहले ही आपको नतीजे पता चल गए हों.” सिंघवी ने कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले हैं. चुनाव के लिए नॉन लेवल फील्ड बनाया जा रहा है. सभी बड़े नेता जेल में हैं. चुनाव नजदीक हैं. इससे संविधान की मूल संरचना प्रभावित होती है. इसका असर लोकतंत्र पर पड़ता है. लोकतंत्र में समान अवसर होने चाहिए. केजरीवाल को गिरफ्तार करने की कोई ज़रूरत नहीं है. ईडी का अब नया तरीका है. पहले गिरफ्तार करो, फिर उनको सरकारी गवाह बनाकर मनमाफिक बयान हासिल करो. इसके एवज में उन्हें ज़मामत मिल जाती है.
ईडी ने कोर्ट में बताया कि केजरीवाल को गिरफ्तार करने से पहले ‘ग्राउंड ऑफ अरेस्ट’ बता दिया गया था. वहीं, सुनवाई के दौरान एएसजी ने आरोप लगाया कि शराब नीति घोटाले के मुख्यसाजिशकर्ता अरविंद केजरीवाल हैं. केजरीवाल ने अन्य नेताओं के साथ मिलकर साजिश रची थी. केजरीवाल ने ही इस भ्रष्टाचार का षड्यंत्र रचा है. ASG राजू ने बताया कि एक सरकारी गवाह दिनेश अरोड़ा ने अपने बयान में खुलासा किया कि विजय नायर के निर्देश पर उसने 31 करोड़ रुपये दिया था.
एएसजी ने सुनवाई के दौरान कहा, “हवाला के जरिए 45 करोड़ रुपये गोवा ट्रांसफर किए गए. न केवल बयान, बल्कि सीडीआर से भी इसकी पुष्टि होती है. हमने मनी ट्रेल की भी जांच की है. गोवा में पैसा 4 रास्तों से आता था. कृपया भारी मात्रा में नकदी के आदान-प्रदान पर ध्यान दें. लिंक मौजूद है.. ये लोग नियमित संपर्क में हैं. आरोपों की पुष्टि गोवा में आप के एक उम्मीदवार ने भी की है. इस व्यक्ति को नकद भुगतान भी किया गया. उन्हें नकदी कहां से मिली…? यह इन रिश्वतों से था. इस मामले में अरविंद केजरीवाल ने जानबूझकर ईडी के समन की अवहेलना की है.
ASG राजू ने कहा केजरीवाल को साउथ ग्रुप से किक बैक मिली थी. केजरीवाल ने शरत रेड्डी को विजय नायर पर भरोसा रखने को कहा था. बुची बाबू के ज़रिए पहले 10 करोड़ और फिर 15 करोड़ रुपये कैश ट्रांसफर किये गए. केजरीवाल पंजाब और गोवा चुनाव के लिए फंडिंग चाहते थे. ईडी ने कहा गोवा चुनाव में 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल हुआ है. अपराध की आय में न केवल 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली गई है, बल्कि रिश्वत देने वालों द्वारा कमाया गया मुनाफा भी शामिल है. यह 600 करोड़ रुपये से अधिक था. विजय नायर, केजरीवाल का दाहिना हाथ है.. वह केजरीवाल के लिए कीकबैक इकट्ठा करता था. पॉलिसी लागू कराना और जो ना माने उसे धमकाने का काम करता था.
एडिशनल सॉलिसिटर राजू ने कहा कि मनीष सिसोदिया ने भी मामले में मुख्य भूमिका निभाई. सिसोदिया की जमानत सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी. मनीष सिसोदिया ने विजय नायर को केजरीवाल के घर बुलाया और शराब नीति से जुड़े दस्तावेज दिये. उन्होंने ने कहा कि विनय नायर मुख्यमंत्री के आवास के पास रहता था, वह आम आदमी पार्टी का मीडिया इंचार्ज था. साथ ही उन्होंने कहा कि विजय नायर केजरीवाल और के. कविता के लिए काम कर रहा था, वह साउथ ग्रुप में मिडिल मैन की भूमिका में था.
एएसजी राजू ने कहा, “श्रीनिवासुलु रेड्डी, के. कविता के आवास पर उनसे मिलने गए थे. तब कविता ने मगुंटा को श्रीनिवासुलु रेड्डी कहा था कि उन्हें बताया कि अरविंद केजरीवाल ने उनसे 100 रुपये देने के लिए कहा था. रेड्डी को रुपये की व्यवस्था करने के लिए कहा गया था. उसी के लिए 50 करोड़ का अरेंज करने के लिए कहा गया था.” चैरियट मीडिया के कर्मचारी चरणप्रीत सिंह ने कंपनी छोड़ दी, लेकिन गोवा में AAP चुनाव अभियान के लिए फ्रीलांसर के रूप में वापस आ गए. उन्हें AAP से सीधे वेतन मिलता था
ईडी ने कहा अपराध की आय सिर्फ 100 करोड़ नहीं है, बल्कि कंपनियों द्वारा प्राप्त अतिरिक्त मुनाफा है. गोवा में हवाला के जरिए 40 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए. प्रिंस कुमार को गोवा चुनाव के लिए सागर पटेल से पैसे मिले थे. इसकी पुष्टि उनके कॉल रिकॉर्ड से होती है. चरणप्रीत सिंह ने गोवा में आम आदमी पार्टी के लिए पैसों का प्रबंधन किया. उन्होंने विजय नायर की कंपनी चैरियट मीडिया के साथ काम किया. चरणप्रीत सिंह को दिल्ली सरकार ने पीआर कार्य के लिए 55,000 रुपये के मासिक वेतन पर नियुक्त किया था.
ईडी ने कहा कि विधायकों को पैसे कैश में दिए गए, जो आबकारी नीति से आए थे. इंडिया अहेड चैनल में काम करने वाले अशोक कौशिक ने बताया था कि उसने दो कैश से भरे बैग उठाए थे.
इससे पहले अरविंद केजरीवाल ने शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ दायर की गयी याचिका शुक्रवार को वापस ले ली. बता दें कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर आम आदमी पार्टी के प्रदर्शन के मद्देनजर भाजपा मुख्यालय और ईडी कार्यालय जाने वाले मार्गों को बंद कर दिया गया और आईटीओ चौराहे, राजघाट तथा विकास मार्ग पर बड़े स्तर पर यातायात अवरुद्ध हुआ.
बता दें कि अरविंद केजरीवाल को दिल्ली सरकार की आबकारी नीति 2021-22 से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने बृहस्पतिवार रात गिरफ्तार किया था. इस नीति को अब रद्द किया जा चुका है.
ऐसा लग रहा है कि अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. सूत्रों की मानें तो केजरीवाल, शराब घोटाले की जांच कर रहे अधिकारी एडिशनल डायरेक्टर कपिल राज और स्पेशल डायरेक्टर सत्यव्रत पर नजर रख रहे थे. केजरीवाल घर से कपिल राज और सत्यव्रत का डोजियर बना रहे थे, दोनों अधिकारी क्या-क्या करते हैं, कौन-कौन कौन से केस हैं, दोनों की कितनी प्रॉपर्टी है. इन सबका पूरा ब्योरा केजरीवाल ने बनाया हुआ था. ईडी ने सभी दस्तावेज सीज कर लिये हैं. ईडी इस समय सख्त एक्शन के मूड में नजर आ रही है. सूत्रों के मुताबिक, ED अब एक नया मामला केजरीवाल पर दर्ज कर सकती है.