लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टी ने तैयारियां तेज कर दी हैं। BJP ने दो दिन पहले ही अपने केंद्रीय चुनाव समिति में उम्मीदवारों के नामों की चर्चा की। पार्टी एक बार फिर 6 मार्च को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक करने जा रही है।
हाल ही में हुई बैठक में उत्तर प्रदेश के साथ कई राज्यों के उम्मीदवारों पर चर्चा हुआ। इसके बाद से उम्मीद जताई जा रही है कि पार्टी कभी भी अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर सकती है। इस सूची में कई बड़े बदलाव भी देखने को मिल सकते हैं कुछ बड़े नामों का पत्ता साफ हो सकता है। इनमें कई दिग्गजों के नाम शामिल हैं।
लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा की रणनीति के मुताबिक पार्टी पहली लिस्ट में कमजोर सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नाम का घोषणा कर सकती है। इसके साथ ही इस लिस्ट में वे नाम भी शामिल हैं जिन्हें टिकट मिलना तय माना जा रहा है। इनमें पीएम मोदी की वाराणसी लोकसभा सीट, लखनऊ से राजनाथ सिंह और अमेठी से स्मृति ईरानी का टिकट तय है, बस घोषणा होना ही बाकी है। UP से भाजपा के कई दिग्गजों के नामों पर भी तलवार लटक रही है, जिनका इस बार टिकट कट सकता है।
सूत्रों के मुताबिक यूपी में जिन नेताओं के टिकट कटने की चर्चा है, इनमें कानपुर सीट से सत्यदेव पचौरी, प्रयागराज लोकसभा सीट से रीता बहुगुणा जोशी, गोंडा सीट से बृजभूषण शरण सिंह और बदायूं सीट से स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य का नाम शामिल है।
माना जा रहा है कि बृजभूषण शरण सिंह का टिकट इसलिए कट सकता है क्योंकि महिला पहलवानों के आरोपों से पार्टी की छवि खराब हुआ। वहीं पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपाई रहते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने बेटी संघमित्रा मौर्य को भाजपा से टिकट दिलाया था और वह सांसद बन गईं। लेकिन इस बार उनकी बेटी संघमित्रा मौर्य का भी टिकट कटने के कयास शुरू हो गए हैं।
लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा की सबसे ज्यादा यूपी पर नजर है। यहां से सबसे ज्यादा लोकसभा सीट आती हैं, ऐसे में पार्टी ने प्रदेश की सभी 80 सीटों को जीतने का लक्ष्य रखा है। यही वजह है कि भाजपा उत्तर प्रदेश में टिकट वितरण में हर बात का ध्यान रख रही है। पार्टी उन्हीं उम्मीदवारों पर दांव लगाना चाहती है, जो जीत को सुनिश्चित कर सके।