कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने पार्टी के बैंक खाताओं को फ्रीज करने के लिए केंद्र सरकार पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया है.
गुरुवार को नई दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेन्स में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कोषाध्यक्ष अजय माकन ने कई गंभीर आरोप लगाए.
सोनिया गांधी ने सरकार के क़दम को लोकतंत्र पर हमला क़रार दिया .
जबकि राहुल गांधी ने बैंक खातों को फ्रीज करने के निर्णय को कांग्रेस और लोकतंत्र के ख़िलाफ़ ‘आपराधिक कार्रवाई’ क़रार दिया है.
इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को ज़िम्मेदार ठहराया है.
उन्होंने बताया कि एक महीने पहले कांग्रेस के सारे बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए.
उनके अनुसार, यह मामला 14 लाख रुपए की कर देनदारी का है, लेकिन पार्टी के 285 करोड़ रुपए की निकासी पर रोक लगा दी गई.
उन्होंने इस क़दम को कांग्रेस की वित्तीय स्वतंत्रता पर हमला क़रार दिया है.
राहुल गांधी ने इस कार्रवाई पर कोर्ट और चुनाव आयोग की चुप्पी पर सवाल हुए कहा कि सब लोग देख रहे हैं. लेकिन इस मामले में इन सभी संस्थाओं की भूमिका है.
राहुल गांधी ने दावा किया कि हम रेलवे टिकट नहीं ख़रीद सकते. आज हम पार्टी के लिए विज्ञापन नहीं बुक कर सकते. यह लोकतंत्र पर सीधा प्रहार है.
वहीं अजय माकन ने कहा कि लोकसभा चुनाव के ठीक पहले केंद्र सरकार ने कांग्रेस के बैंक खातों को फ्रीज करवा दिया और इस वजह से हम ठीक से चुनाव प्रचार नहीं कर पा रहे हैं.
वहीं मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड को ग़ैरक़ानूनी और असंवैधानिक कहा, लेकिन उसी इलेक्टोरल बॉन्ड के ज़रिए बीजेपी ने हज़ारों करोड़ रुपए अपने खाते में भर लिए. दूसरी ओर मुख्य विपक्षी दल का बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिया गया, जिससे हम पैसे के अभाव में यह चुनाव ठीक से न लड़ पाएं.”