इजरायल और फिलीस्तीन के बीच विवाद को पर भारत और अमेरिका की ओर से खास बयान आए हैं। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिकी के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने दो स्टेट सॉल्युशन की बात कही है। भारत और अमेरिकी के नेताओं की ओर से ये बयान ऐसे समय आए हैं, जब इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू फिलीस्तीनी राज्य पर एतराज जता चुके हैं। नेतन्याहू ने फिलिस्तीनी संप्रभुता के प्रति अपने विरोध को दोहराते हुए कहा कि उन्हें फिलीस्तीन को राष्ट्र के तौर पर मान्यता देने पर आपत्ति है।अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि बेंजामिन नेतन्याहू के इजरायल के पीएम पद पर रहते हुए फिलिस्तीनियों के लिए एक स्वतंत्र राज्य का निर्माण असंभव नहीं है। शुक्रवार को बाइडेन से पूछा गया कि क्या नेतन्याहू के पीएम रहते हुए में रहते हुए दो-राज्य समाधान संभव हो सकता है। बाइडेन ने कहा कि कि ये असंभव नहीं है, ये हो सकता है और मुझे लगता है कि हम कुछ काम करने में सक्षम होंगे। एक दिन पहले अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा था कि फिलीस्तीनी स्टेट के बिना क्षेत्र में इजरायल की लंबे समय तक सुरक्षा चुनौतियां हल नहीं होंगी। साथ ही गाजा के फिर से अल्पकालिक चुनौतियों को हल करने का भी फिलीस्तीनी स्टेट के सिवाय कोई दूसरा रास्ता नहीं है।
एस जयंशकरने फिलिस्तीनी विदेश मंत्री से मिले
भारतीय विदेश मंत्री डॉक्टर एस जयंशकर ने शनिवार को अपने फिलिस्तीनी समकक्ष डॉ. रियाद अल-मलिकी से मुलाकात की है। जयशंकर ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, कंपाला में फिलिस्तीनी विदेश मंत्री डॉ. रियाद अल-मलिकी से मिलकर अच्छा लगा। उनसे गाजा में चल रहे संघर्ष पर विस्तृत और व्यापक चर्चा हुई। इसके मानवीय और राजनीतिक आयामों पर भी विचारों को साझा किया। मैंने उनसे दो-राज्य समाधान के लिए भारत का समर्थन दोहराया और संपर्क में बने रहने पर सहमति व्यक्त की