तेलंगाना का संक्षिप्त नाम बदला, CM रेवंत रेड्डी की अध्यक्षता में लिया गया फैसला कैबिनेट के फैसले के बाद केंद्र सरकार के राजपत्र में ‘टीजी’ ‘टीएस’ की जगह लेगा। 2014 में तेलंगाना के गठन के बाद तत्कालीन टीआरएस सरकार ने राज्य के संक्षिप्त नाम के रूप में ‘टीएस’ चुना था।
तेलंगाना सरकार ने रविवार को प्रदेश का संक्षिप्त नाम ‘टीएस’ को हटाकर ‘टीजी’ करने का फैसला किया। यह फैसला मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिया । कैबिनेट के फैसले के बाद केंद्र सरकार के राजपत्र में ‘टीजी’ ‘टीएस’ की जगह लेगा। 2014 में तेलंगाना के गठन के बाद तत्कालीन टीआरएस सरकार ने राज्य के छोटा नाम के रूप में ‘टीएस’ चुना था।
कैबिनेट की ओर से लिए गए फसलों के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए मंत्री डी. श्रीधर बाबू ने बताया कि पिछली सरकार ने किसी भी नियम का पालन नहीं किया और अपनी इच्छानुसार टीआरएस से तुकबंदी करते हुए ‘टीएस’ रखने का डीसीजन लिया । इस फैसले के बाद वाहन पंजीकरण संख्या में अब उपसर्ग के रूप में ‘टीजी’ होगा। चुनाव प्रचार के दौरान रेवंत रेड्डी की ओर से की गई एक घोषणा को लागू करने के लिए कैबिनेट का फैसला लिया गया। उन्होंने कहा था कि टीआरएस पार्टी को खुश करने के लिए ही ‘टीजी’ को ‘टीएस’ से बदला गया था।
कैबिनेट ने तेलंगाना के लोगों की भावनाओं को प्रतिबिंबित करने के लिए तेलंगाना तल्ली प्रतिमा को बदलने का भी फैसला किया। इसने एंडेसरी के “जय जय हो तेलंगाना” को राज्यगीत के रूप में अपनाने का निर्णय लिया। सभी हितधारकों के परामर्श से एक नया राज्यचिन्ह डिजाइन करने का भी फैसला लिया गया। कैबिनेट ने 8 फरवरी से राज्य विधानसभा सत्र आयोजित करने का फैसला लिया। इसमें राज्यपाल के अभिभाषण को मंजूरी दी गई।
दो और गारंटी लागू करने का भी फैसला
विधानसभा में चर्चा के बाद दो और गारंटी लागू करने का भी फैसला लिया गया। ये गारंटी हैं- 500 रुपये में गैस सिलेंडर और घरों को 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली। कैबिनेट ने राज्य में जाति जनगणना कराने का भी फैसला किया। कोडंगल क्षेत्र विकास प्राधिकरण को अधिसूचित करना, 65 सरकारी आईटीआई को उन्नत प्रौद्योगिकी केंद्रों के रूप में अपग्रेड करना, हाई कोर्ट के निर्माण के लिए 100 एकड़ भूमि का आवंटन और दोषियों को सजा में छूट देने के लिए दिशा-निर्देश तैयार करना अन्य प्रमुख निर्णय थे।