दिल्ली के शराब नीति घोटाला मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया. केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका भी वापस ले ली. वहीं, राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें 28 मार्च तक ED की कस्टडी में भेज दिया है. इस बीच केजरीवाल की गिरफ्तारी की टाइमिंग को लेकर सवाल उठ रहे हैं. लोकसभा चुना का बिगुल बजने के 5 दिन के अंदर INDIA अलायंस के प्रमुख नेता अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को INDIA अलायंस मुख्य चुनावी मुद्दे की तरफ पेश कर रहा है. अगर केजरीवाल की अरेस्टिंग को INDIA अलायंस चुनाव में भुनाता है, तो बीजेपी को उत्तर भारत में सीटों का नुकसान हो सकता है. उत्तर भारत में बीजेपी पहले ही सैचुरेशन पॉइंट पर पहुंच चुकी है. ऐसे में बीजेपी को 370 सीटों का टारगेट हासिल करने में दिक्कत आ सकती है.
शराब नीति केस में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी ने विपक्ष को मोदी सरकार के खिलाफ आक्रामक होने का एक मौका मिल गया है. INDIA गठबंधन इलेक्शन कैंपेनिंग के दौरान अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के मुद्दे पर अलग-अलग राज्यों में जनता के बीच जा सकती है और मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल सकती है. अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के साथ दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, गोवा और चंडीगढ़ में गठबंधन किया है. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी इन दिनों अपनी सभाओं में केजरीवाल की गिरफ्तारी का मामला उठा रहे हैं.
वैसे राजनीति में इमोशनल कार्ड काफी चलता है. इंदिरा गांधी की हत्या के बाद कांग्रेस को चुनाव में मिला जनादेश इसका सीधा उदाहरण है. विदेशों में भी ऐसे कई उदाहरण हैं जहां चुनावों में इमोशनल कार्ड ने बड़ा रोल प्ले किया. जाहिर तौर पर आम आदमी पार्टी और INDIA अलायंस इस चुनाव में केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर इमोशनल कार्ड खेलकर इसे भुनाने की कोशिश करेगी. आम आदमी पार्टी के कई नेताओं के हालिया बयानों से साफ दिख रहा है कि वो केजरीवाल को लेकर जनता के बीच एक माहौल बनाने में लग गए हैं. AAP के नेता जनता के बीच जाकर यह बता रहे हैं कि केजरीवाल की गिरफ्तारी इसीलिए की गई है, ताकि दिल्ली में मुफ्त शिक्षा, मुफ्त बिजली, मुफ्त पानी, मुफ्त तीर्थयात्रा और मोहल्ला क्लीनिक बंद हो जाएं.
अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से AAP और INDIA अलायंस जनता के बीच ये नैरेटिव सेट करने की कोशिश करेगी कि कैसे बीजेपी विपक्ष को खत्म करने की कोशिश कर रही है. दरअसल, एक सिटिंग सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी हुई है. केजरीवाल ने कई सार्वजनिक मौकों पर इस बात का दावा किया है कि वह कट्टर ईमानदारी से सरकार चलाते है. ऐसे में अगर INDIA अलायंस के नेता यह बताने में सफल हो जाते हैं कि केजरीवाल या विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी एक राजनीतिक साजिश के तहत हो रही है, तो चुनाव में इसका फायदा मिल सकता है.
ED-CBI की छापेमारी को विपक्ष मुद्दा बनाता रहा है. केजरीवाल की अरेस्टिंग को चुनावी मुद्दा बनाने से लोगों के बीच ये नैरेटिव बनेगा कि ED-CBI जैसी जांच एजेंसियां केंद्र सरकार के इशारे पर काम करती हैं. INDIA अलायंस इसके पीछे छत्तीसगढ़ चुनाव के दौरान तत्कालीन सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ ED के छापों, हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी का उदाहरण दे सकता है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी यह कह चुके हैं कि विपक्ष के 95% नेताओं पर ED और CBI का केस दर्ज हुआ है, लेकिन जो नेता बीजेपी में शामिल हो जाते हैं उसका दाग धुल कर साफ कर दिया जाता है. केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर कई विपक्षी नेताओं ने तर्क दिया कि असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा के खिलाफ मामला है, लेकिन ED-CBI उनके खिलाफ कोई कार्रवाई करेगी. इसी तरह अजित पवार के खिलाफ कई केस दर्ज हैं, चूंकि वो महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ गठबंधन में हैं और डिप्टी सीएम भी, लिहाजा उनके सारे दाग धुल गए हैं.